Monday, 20 March 2017

KAVITA (Jivan Chalne Ka Naam)

जीवन चलने का नाम .........

जीवन चलने का नाम , चलते रहो सुबहो शाम
रास्ता कट जाएगा , बादल छट जाएगा ,
दुख से झुकना ना , इक पल रूकना ना। 
जीवन चलने का नाम , चलते रहो सुबहो शाम

जो जीवन से हार मानता उसकी हो गई छुट्टी
नाक चढ़ाकर कहे जिंदगी तेरी मेरी हो गई कुट्टी
रूठा यार मना मितरा , यार को यार बना मितरा
खुद से रहो खफ़ा , खुदी से खुदा बने मितरा।

उजली उजली भोर सुनाती तुतले तुतले बोल
अंधकार में सूरज बैठा अपनी गठरी खोल
उससे आँख लड़ा , समय से हाथ मिला
हो जा किरण किरण , चलता रहे चरण। 

चली शाम के रंग महल में तपती हुई दुपहरी
मिली गगन से साँझ की लाली लेकर रूप सुनहरा
रात बिखर जाएगी , बात निखर जाएगी
सूरज चढ़ जाएगा , काफि़ला बढ़ जाएगा। 

हिम्मत अपना दीन धरम , हिम्मत है ईमान
हिम्मत अल्लाह , हिम्मत वाहेगुरू , हिम्मत है भगवान
इसपे मरता जा , सजदा करता जा
शीश झुकाता जा , जग पे छाता जा। 

जीवन चलने का नाम , चलते रहो सुबहो शाम
रास्ता कट जाएगा , बादल छट जाएगा ,
दुख से झुकना ना , इक पल रूकना ना। 
जीवन चलने का नाम चलते रहो सुबहो शाम

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