Wednesday, 22 March 2017

KAVITA (Maanav Dharma)

मानव धर्म


जिन मुश्किलों में मुसकराना हो मना ,
उन मुश्किलों में मुसकराना धर्म हैं !
जिस वक्त जीना गैरमुमकिन - सा लगे 
उस वक्त जीना फर्ज़ है इंसान का ,
लाजिम लहर के साथ है तब खेलना , 
जब हो समुंदर पर नशा तूफ़ान का , 
जिस वायु का दीपक बुझाना ध्येय हो ,
उस वायु में दीपक जलाना धर्म है !
अधिकार जब अधिकार पर शासन करे ,
तब छीनना अधिकार ही कर्तव्य है , 
संहार ही हो जब सृजन के नाम पर 
तब सृजन का संहार ही भवितव्य हैै , 
बस गरज यह गिरते हुए इंसान को ,
हर तरह हर विधि उठाना धर्म है !

Monday, 20 March 2017

KAVITA (Kuch Karna Hei To)

कुछ करना है तो ..... 

जीवन में कुछ करना है तो , 
 मन को मारे मत बैठो।
आगे - आगे बढ़ना है तो , 
हिम्मत हारे मत बैठो।
चलने वाला मंजिल पता ,
बैठा पीछे रह जाता। 
ठहरा पानी सड़ने लगता ,
बहता निर्मल जल कहलाता। 
पांव मिले चलने के खातिर ,
पांव पसारे  मत बैठो। 
जीवन में कुछ करना है तो , 
 मन को मारे मत बैठो।
आगे - आगे बढ़ना है तो , 
हिम्मत हारे मत बैठो।  

KAVITA (Jivan Chalne Ka Naam)

जीवन चलने का नाम .........

जीवन चलने का नाम , चलते रहो सुबहो शाम
रास्ता कट जाएगा , बादल छट जाएगा ,
दुख से झुकना ना , इक पल रूकना ना। 
जीवन चलने का नाम , चलते रहो सुबहो शाम

जो जीवन से हार मानता उसकी हो गई छुट्टी
नाक चढ़ाकर कहे जिंदगी तेरी मेरी हो गई कुट्टी
रूठा यार मना मितरा , यार को यार बना मितरा
खुद से रहो खफ़ा , खुदी से खुदा बने मितरा।

उजली उजली भोर सुनाती तुतले तुतले बोल
अंधकार में सूरज बैठा अपनी गठरी खोल
उससे आँख लड़ा , समय से हाथ मिला
हो जा किरण किरण , चलता रहे चरण। 

चली शाम के रंग महल में तपती हुई दुपहरी
मिली गगन से साँझ की लाली लेकर रूप सुनहरा
रात बिखर जाएगी , बात निखर जाएगी
सूरज चढ़ जाएगा , काफि़ला बढ़ जाएगा। 

हिम्मत अपना दीन धरम , हिम्मत है ईमान
हिम्मत अल्लाह , हिम्मत वाहेगुरू , हिम्मत है भगवान
इसपे मरता जा , सजदा करता जा
शीश झुकाता जा , जग पे छाता जा। 

जीवन चलने का नाम , चलते रहो सुबहो शाम
रास्ता कट जाएगा , बादल छट जाएगा ,
दुख से झुकना ना , इक पल रूकना ना। 
जीवन चलने का नाम चलते रहो सुबहो शाम

Tuesday, 14 March 2017

SMALL STORY IN HINDI

लघुकथा 

                                                                                     पलाश के फूल 

पलाश के फूल बेहद खूबसूरत और मनमोहक होते हैं। जब भी देखती हूँ बिना पत्ते के लाल -लाल दग्ध पलाश , मुझे लगता है की इसके पीछे कोई कहानी जरूर रही होगी , लोक कथा या दंत कथा , जिसे शायद सबने भुला दिया कि -
एक खूबसूरत राजकुमारी थी। एक बार वह आखेट के दौरान सखियों के संग प्यास बुझाने जंगल में झील के किनारे गयी। वहीं उसने देखा उसे और प्यार हो गया उससे। वह था ही इतना खूबसूरत। बिल्कुल किसी युवराज - सा। दोनों की आँखे मिलीं। ऐसा लगा जानते हैं एक - दूजे